2203 रुपए प्रति क्विंटल के समर्थन मूल्य पर हो रही धान खरीदी

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49 समितियों में काम शुरू

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विधानसभा चुनाव के बीच 1 नवंबर से प्रदेश के साथ कोरबा जिले में किसानों से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी का काम शुरू हो गया है। छत्तीसगढ़ में सर्वाधिक राजस्व देने वाले औद्योगिक जिले कोरबा में कृषि क्षेत्र 69424 हेक्टेयर है। वर्ष 2023-24 में कुल 50912 किसानों ने खरीफ की धान फसल का विक्रय करने के लिए अपना पंजीकरण कराया है। जबकि 689 किसानों का पंजीकरण पिछली सूची से निरस्त किया गया है। स्पष्ट किया गया है कि किसानों से प्रति क्विंटल धान की खरीदी अधिकतम 2203 रुपए की दर पर ही की जाएगी।
चुनाव के सीजन में कई प्रकार के दावे धान खरीदी के मामले में राजनीतिक दल कर रहे हैं। किसानों को अपनी तरफ आकर्षित करने के लिए यह दांव-पेंच हैं। इन सबसे अलग सरकारी व्यवस्था और नीति नियामक तत्वों के अंतर्गत तय किये गए समर्थन मूल्य के अंतर्गत फिलहाल धान की खरीदी कोरबा जिले की समितियां कर रही है। दो महीने तक चलने वाली धान की खरीदी इसी दर पर की जाएगी। खबर के मुताबिक स्वर्णा (मोटा) धान के लिए 2183 रुपए प्रति क्विंटल की दर केंद्र सरकार ने तय की है। जबकि पतले धान के लिए प्रति क्विंटल की राशि 2203 रुपए है। न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि देश के उन सभी राज्यों के मामले में धान की फसल के लिए यही दर प्रभावशील है। अन्य खाद्यान्नों के मामले में राशि का निर्धारण भिन्न है। बताया गया कि केंद्र की ओर से जो समर्थन मूल्य धान खरीदी के लिए तय किया गया है, उसे ध्यान में रखते हुए फिलहाल उक्तानुसार किसानों से धान प्राप्त की जाएगी। स्थानीय स्तर पर पंजीकृत किसान 49 समितियों के अंतर्गत तय किये गए उपार्जन केंद्रों में अपने खेतों में उत्पादित और सत्यापित धान बेच सकेंगे। मौजूदा व्यवस्था में इस बात को भी स्पष्ट किया गया है कि राजस्व विभाग के द्वारा धान लगाने से पहले जो गिरदावरी कराई गई, उसके हिसाब से एक एकड़ में 20 क्विंटल धान ली जानी है। जबकि जिस मामले में किसानों के कृषि रकबे को कम सत्यापित किया गया है, खरीदी का अनुपात वही होगा।


3100 से 3600 की घोषणा की है पार्टियों ने


किसानों को प्रभावित करने के लिए अबकी बार राजनीतिक दलों ने नया पैतरा चला है। प्रदेश के सभी जिलों में किसानों की पर्याप्त संख्या को ध्यान में रखते हुए उन्हें अपनी तरफ खींचने की कोशिश की गई। विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने सबसे पहले घोषणा पत्र जारी करने के साथ किसानों को प्रति क्विंटल के पीछे 3100 रुपए समर्थन मूल्य और प्रति एकड़ पर 21 क्विंटल की खरीदी की बात कही है जबकि कांग्रेस ने रविवार को जारी घोषणा पत्र में समर्थन मूल्य 3200 रुपए देने का ऐलान किया। लेकिन वह 20 क्विंटल प्रति एकड़ धान खरीदने की बात कर रही है। इन दोनों प्रमुख दलों से अलग हटकर दिल्ली और पंजाब में सत्ता संभाल रही आम आदमी पार्टी ने सबसे ज्यादा 3600 रुपए प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य देने की घोषणा की।

7550 नए किसान बढ़े


पिछले वर्ष कोरबा जिले में 45158 किसान पांच विकासखंड के अंतर्गत मौजूद समितियों में पंजीकृत थे। इस वर्ष 43362 की संख्या कैरी फारवर्ड हुई है जबकि नवीन पंजीकृत किसानों की संख्या 7550 है। 689 किसानों को सूची से निरस्त किया गया है। इस तरह से वर्तमान में कुल पंजीकृत किसान 50912 हैं। अंतिम रूप से उपार्जन केंद्रों में कुल इतने ही किसानों से उनके उत्पाद की खरीदी समर्थन मूल्य पर की जाएगी।

जिसकी बनेगी सरकार, अंतर की राशि का जिम्मा उसका

कोरबा समेत अन्य जिलों में केंद्र के द्वारा निर्धारित 2183 और 2203 रुपए के हिसाब से किसानों से धान की खरीदी होना है। किसानों को उक्तनुसार इसी दर पर भुगतान किया जाएगा। इसके लिए व्यवस्थाएं बनाई गई है। पिछले वर्ष की तरह अबकी बार भी ऑनलाइन भुगतान किसानों को उनके खाते में अंतरित किया जाएगा। संपूर्ण मामले में धान खरीदी के लिए राजनीतिक दलों के द्वारा प्रदेश में किये जा रहे बड़े-बड़े दावों के अनुक्रम में अंतर की राशि का भुगतान किसानों को दिसंबर के बाद किया जाना संभव होगा। छत्तीसगढ़ में जो सरकार काबिज होगी वह अपनी घोषणा के हिसाब से कुल मात्रा के लिए किसानों को अंतर की राशि का भुगतान करेगी।

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